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हिंदी अनुभाग

Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

June 17, 2025 by Souvik Leave a Comment

Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

• बंकिम चंद्र चटर्जी या बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय (1838 – 1894) एक भारतीय उपन्यासकार, कवि और पत्रकार थे।

• उन्हें बंगाली में साहित्य सम्राट (साहित्य के सम्राट) के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बंगाली में चौदह उपन्यास और कई गंभीर, सीरियो-हास्य, व्यंग्य, वैज्ञानिक और आलोचनात्मक ग्रंथ लिखे।

• उन्होंने 1891 में राय बहादुर की उपाधि भी प्राप्त की।

• उनके एक भाई, संजीब चंद्र चट्टोपाध्याय भी एक उपन्यासकार थे और अपनी पुस्तक “पलामू” के लिए जाने जाते हैं। Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
Bankim Chandra Chattopadhyay/ assamstudyhub.com

 

Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

साहित्यिक करियर

 

• चट्टोपाध्याय के शुरुआती प्रकाशन ईश्वर चंद्र गुप्ता के साप्ताहिक समाचार पत्र संगबाद प्रभाकर में थे।

• दुर्गेशानंदिनी (सामंती भगवान की बेटी) 1865 में भारतीय लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित एक बंगाली ऐतिहासिक रोमांस उपन्यास है। दुर्गेशनंदिनी उनके द्वारा लिखा गया पहला बंगाली उपन्यास है और साथ ही बंगाली साहित्य के इतिहास में पहला प्रमुख बंगाली उपन्यास है।

• आनंदमठ उनके द्वारा लिखित और १८८२ में प्रकाशित एक बंगाली उपन्यास है। यह १८वीं शताब्दी के अंत में संन्यासी विद्रोह की पृष्ठभूमि से प्रेरित और स्थापित है। मातृभूमि के रूप में वंदे मातरम इस उपन्यास में प्रकाशित हुआ था।

• वंदे मातरम (जिसे बंदे मातरम भी कहा जाता है) बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखित एक बंगाली कविता है, जो मूल रूप से 1870 के दशक में संस्कृत में थी, जिसे उन्होंने अपने 1882 के उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया था।

● मृत्यु ८ अप्रैल १८९४ (उम्र ५५)
कलकत्ता, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत)

 

Bankim Chandra Chattopadhyay Essay in Hindi || बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय

Read Also:- Bankim Chandra Chattopadhyay in English

 

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Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

June 12, 2025 by Souvik Leave a Comment

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

रथ यात्रा का पर्व भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है और देश भर में इसे काफी श्रद्धा तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है परन्तु इसका सबसे भव्य आयोजन उड़ीसा राज्य के जगन्नाथपुरी में देखने को मिलता है। पुरी स्थित जगन्नाथपुरी मंदिर भारत के चार राज्यों में से एक है।

यह भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से भी एक है और यहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और उनकी बहन देवी सुभद्रा की पूजा की जाती है। यह रथ यात्रा आषाढ़ माह की शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को आरम्भ होती है। इस दिन भारी संख्या में भक्तगण रथ यात्रा उत्सव में सम्मिलित होने के लिए देश-विदेश से पुरी खिंचे चले आते हैं। Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

इस वर्ष 2025 में जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून, शुक्रवार को शुरू होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 26 जून को दोपहर 1:24 बजे शुरू होगी और 27 जून को सुबह 11:19 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर यह पर्व 27 जून को मनाया जाएगा।

 

 

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व
Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

रथ यात्रा क्यों मनाया जाता है? (Why Do We Celebrate Rath Yatra)

हिंदू पंचाग अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व की उत्पत्ति को लेकर कई सारी पौराणिक और ऐतहासिक मान्यताएं तथा कथाएं प्रचलित है। एक कहानी के अनुसार राजा इंद्रद्युम्न अपने परिवार सहित नीलांचल सागर (वर्तमान में उड़ीसा क्षेत्र) के पास रहते थे। Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

एक बार समुद्र में उन्हें एक विशालकाय लकड़ी तैरती हुई दिखाई दी। राजा ने उस लकड़ी को समुद्र से निकलवाया और उस लकड़ी की सुंदरता देखकर विचार किया की इस लकड़ी से जगदीश की मूर्ति बनायी जाय। वह इसपर विचार ही कर रहे थे कि तभी वहां एक बूढ़े बढ़ई के रुप में देवों के शिल्पी विश्वकर्मा प्रकट हो गये।

भगवान जगदीश की मूर्ति बनाने के लिए बूढ़े बढ़ई के वेश में प्रकट हुए विश्वकर्मा जी ने एक शर्त रखी कि मैं जबतक कमरे में मूर्ति बनाऊंगा तबतक कमरे में कोई ना आये। राजा ने उनकी इस शर्त को मान लिया। आज के समय में जहा पर श्रीजगन्नाथ जी का मंदिर है, वही पर वह बूढ़ा बढ़ई मूर्ति निर्माण कार्य में लग गया। Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

राजा और उनके परिवार वालो को यह तो मालूम नही था कि यह स्वंय विश्वकर्मा है तो कई दिन बीत जाने के पश्चात महारानी को ऐसा लगा कि कही वह बूढ़ा बढ़ई अपने कमरे में कई दिनों तक भूखे रहने के कारण मर तो नही गया। अपनी इस शंका को महारानी ने राजा से भी बताया और जब महाराजा ने कमरे का दरवाजा खुलवाया तो वह बूढ़ा बढ़ई कही नही मिला, लेकिन उसके द्वारा काष्ठ की अर्द्धनिर्मित श्री जगन्नाथ, सुभद्रा तथा बलराम की मूर्तिया वहां मौजूद मिली।

इस घटना से राजा और रानी काफी दुखी हो उठे। लेकिन उसी समय चमात्कारित रुप से वहां आकाशवाणी हुई कि ‘व्यर्थ दु:खी मत हो, हम इसी रूप में रहना चाहते हैं मूर्तियों को द्रव्य आदि से पवित्र कर स्थापित करवा दो।’ आज भी वही अर्धनिर्मित मूर्तियां जगन्नाथपुरी मंदिर में विराजमान हैं। जिनकी सभी भक्त इतनी श्रद्धा से पूजा-अर्चना करते हैं और यही मूर्तियां रथ यात्रा में भी शामिल होती हैं।

रथ यात्रा माता सुभद्रा के द्वारिका भ्रमण की इच्छा पूर्ण करने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण और बलराम ने अलग रथों में बैठकर करवाई थी। माता सुभद्रा की नगर भ्रमण की स्मृति में रथयात्रा का यह कार्यक्रम हरवर्ष पुरी में इतने धूम-धाम के साथ आयोजित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस रथ यात्रा में हिस्सा लेकर रथ खिचने वाले श्रद्धालु को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

रथ यात्रा कैसे मनाया जाता है – रिवाज एवं परंपरा (How Do We Celebrate Rath Yatra – Custom and Tradition of Rath Yatra)

रथ यात्रा का त्योहार मनाने की शुरुआत जगन्नाथ पुरी से ही हुई है। इसके बाद यह त्योहार पूरे भारत भर में मनाया जाने लगा। जगन्नाथ रथ यात्रा आरंभ होने की शुरुआत में पुराने राजाओं के वशंज पारंपरिक ढंग से सोने के हत्थे वाले झाड़ू से भगवान जगन्नाथ के रथ के सामने झाड़ु लगाते हैं और इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ रथयात्रा शुरु होती है।

रथ यात्रा के शुरु होने के साथ ही कई सारे पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाये जाते हैं और इसकी ध्वनि के बीच सैकड़ो लोग मोटे-मोटे रस्सों से रथ को खींचते है। इसमें सबसे आगे बलभद्र यानी बलराम जी का रथ होता है। इसके थोड़ी देर बाद सुभद्रा जी का रथ चलना शुरु होता है। सबसे अंत में लोग जगन्नाथ जी के रथ को बड़े ही श्रद्धापूर्वक खींचते है। रथ यात्रा को लेकर मान्यता है कि इस दिन रथ को खींचने में सहयोग से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

यही कारण इस दिन भक्त भगवान बलभद्र, सुभद्रा जी और भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए ललायित रहते हैं। जगन्नाथ जी की यह रथ यात्रा गुंदेचा मंदिर पहुंचकर पूरी होती है। यह वही स्थान है जहा विश्वकर्मा जी ने तीनों देव प्रतिमाओं का निर्माण किया था।

इस स्थान को भगवान की मौसी का घर माना जाता है। यदि सूर्यास्त तक कोई रथ गुंदेचा मंदिर नहीं पहुंच पाता है तो वह अगले दिन यात्रा पूरी करता है। इस जगह पर भगवान एक सप्ताह तक प्रवास करते हैं और यहीं उनकी पूजा-अर्चना भी की जाती है। आषाढ़ शुक्ल दशमी को भगवान जगन्नाथ जी की वापसी रथ यात्रा शुरु होती है। इस रथ यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते हैं।

शाम से पूर्व ही तानो रथ जगन्नाथ मंदिर तक पहुंच जाते हैं। जहां एक दिन तक प्रतिमाएं भक्तों के दर्शन के लिए रथ में ही रखी जाती है। अगले दिन मंत्रोच्चारण के साथ देव प्रतिमाओं को पुनः मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है और इसी के साथ रथ यात्रा का यह पूर्ण कार्यक्रम समाप्त हो जाता है। इस पर्व के दौरान देश भर के कई स्थानों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है।

 

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

रथ यात्रा की आधुनिक परंपरा (Modern Tradition of Rath Yatra)

रथ यात्रा का यह पर्व काफी प्राचीन है और इसे काफी समय से पूरे भारत भर में मनाया जा रहा है। यह सदा से ही लोगो की श्रद्धा प्रतीक रहा है, यहीं कारण है कि इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए दूर-दूर से उड़ीसा के पुरी में आते है।

पहले के समय संसाधनों की कमी के कारण ज्यादेतर दूर-दराज के श्रद्धालु रथ यात्रा के इस पावन पर्व पर नही पहुंच पाते थे। लेकिन वर्तमान में तकनीकी विकास ने इसके स्वरुप को भी भव्य बना दिया है। लेकिन इसके कारण कई सारी दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती है क्योंकि अब यात्रा के साधनों के कारण पुरी तक पहुंचना काफी आसान हो गया है।

जिससे इस पर्व पर भारी संख्या में श्रद्धालु आने लगे और अत्यधिक भीड़ में रथ यात्रा के दौरान रस्सी पकड़ने के चक्कर में कई सारे श्रद्धालु घायल हो जाते हैं, कुचल दिये जाते हैं। कई बार तो भगदड़ की स्थिति मचने पर कई लोगो की मृत्यु भी हो जाती है। इस तरह की चीजें इस पवित्र पर्व में नकरात्मकता पैदा करने का कार्य करती है। इसलिए रथ यात्रा के इस पर्व में सुरक्षा इंतजामों को और भी अच्छा करने की जरुरत है ताकि आने वाले भविष्य में भी यह लोगो को श्रद्धा का संदेश इसी प्रकार से देता रहा।

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

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रथ यात्रा का महत्व (Significance of Rath Yatra)

दस दिवसीय रथ यात्रा का पर्व भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है। इसका भारत के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पुराणों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा सौ यज्ञों के बराबर है। यहीं कारण है इस रथयात्रा के दौरान देश भर के विभिन्न रथ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते है और इसके सबसे महत्वपूर्ण स्थान पुरी में तो इस दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

इस दिन भक्त तमाम कष्टों को सहते हुए भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी को खींचने का प्रयास करते हैं और ईश्वर से अपने दुखों तथा कष्टों को दूर करने की प्रर्थना करते हैं। वास्तव में यह पर्व हमें भक्ति तथा श्रद्धा के महत्व को समझाने का कार्य करता है।

 

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

प्रसिद्ध रथ यात्रा स्थल (Famous Rath Yatra Places)

वैसे तो रथ यात्रा के कार्यक्रम देश-विदेश के कई स्थानों पर आयोजित किये जाते हैं। लेकिन इनमें से कुछ रथ यात्राएं ऐसी हैं, जो पूरे विश्व भर में काफी प्रसिद्ध है।

  1. उड़ीसा के जगन्नाथपुरी में आयोजित होने वाली रथयात्रा
  2. पश्चिम बंगाल के हुगली में आयोजित होने वाली महेश रथ यात्रा
  3. पश्चिम बंगाल के राजबलहट में आयोजित होने वाली रथ यात्रा
  4. अमेरिका के न्यू यार्क शहर में आयोजित होने वाली रथ यात्रा

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

रथ यात्रा का इतिहास (History of Rath Yatra)

पूरे भारत भर में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा का यह पर्व काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इसकी उत्पत्ति कैसे और कब हुई इसके विषय में कोई विशेष जानकारी नही प्राप्त है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह भारत के सबसे प्राचीनतम पर्वों में से एक है।

आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पूरे देश भर में रथ यात्रा के पर्व का आयोजन किया जाता है और इस दौरान विभिन्न स्थलों पर मेले और नाटकों का भी आयोजन होता है। इनमें से पुरी, हुगली जैसे स्थानों पर होने वाली रथ यात्राओं में भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है।

पुरी में रथ यात्रा के इस पर्व का इतिहास काफी प्राचीन है और इसकी शुरुआत गंगा राजवंश द्वारा सन् 1150 इस्वी में की गई थी। यह वह पर्व था, जो पूरे भारत भर में पुरी की रथयात्रा के नाम से काफी प्रसिद्ध हुआ। इसके साथ ही पाश्चात्य जगत में यह पहला भारतीय पर्व था, जिसके विषय में विदेशी लोगो को जानकारी प्राप्त हुई। इस त्योहार के विषय में मार्को पोलो जैसे प्रसिद्ध यात्रियों ने भी अपने वृत्तांतों में वर्णन किया है 

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

Jagannath Rath Yatra 2025 In Hindi || रथ यात्रा का पर्व

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह दमदार भाषण || Independent Day speech in Hindi

August 13, 2023 by Souvik Leave a Comment

सभी मेरे प्रिय देशवासियों को नमस्कार। आज हम सब मिलकर भारतीय स्वतंत्रता दिवस के इस अद्भुत अवसर पर एक साथ आए हैं। यह दिन हमारे देश के वीर शहीदों को याद करने और उनके संघर्षों को समर्थन देने का भी एक अवसर है। हमें गर्व है कि हम उन बहादुर लोगों के वीरगति को समर्पित कर रहे हैं जिन्होंने हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह दमदार भाषण || Independent Day speech in Hindi

आज हमें यह याद दिलाने का अवसर है कि स्वतंत्रता संग्राम एक लंबी और कठिन लड़ाई थी, जिसमें हमारे पूर्वजों ने अपने जीवन की ख़तरे में डालकर हमारे लिए एक स्वतंत्र भविष्य की आशा को पूरा किया। हमें यह गर्व महसूस होना चाहिए कि हमारे देश ने विभाजन, आराम्भिक संघर्षों और आत्म-निर्भरता के माध्यम से अपनी असीम सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है।



आज के दिन, हमें यह समझना चाहिए कि हमारे पास एक महान देश है, जिसका समृद्धि, सामाजिक समरसता, और विविधता में बहुमत संस्कृति का संग्रहण है। हमें अपने देश के संविधान में स्वतंत्रता, समानता, और भाईचारे के मूल सिद्धांतों की मान्यता करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी नागरिक अपने कर्तव्यों को सच्चे मन से निभाएं।

आज हमें अपने देश के प्रति अपनी सजगता और समर्पण का प्रदर्शन करना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि हमारे कर्मों का परिणाम हमारे देश के विकास और सुरक्षा में होता है।

Independence Day Speech In English – click here

इस स्वतंत्रता दिवस पर, हमें एक-दूसरे के प्रति समर्पित और सहानुभूति भाव को बढ़ावा देना चाहिए। हमें आपसी बंधन बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए ताकि हम एक मजबूत, एकत्रित और सशक्त भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकें। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह दमदार भाषण || Independent Day speech in Hindi

आओ, हम सब मिलकर एक नए भारत की ओर अग्रसर हों, जो समृद्धि, समाज सेवा, और तकनीकी उन्नति में अग्रणी बने। आओ, हम सभी मिलकर उन्नति की ऊंचाइयों को छूने का संकल्प लें।
जय हिंद! वन्दे मातरम्!


Speech 2 – सभी मेरे प्रिय देशवासियों को नमस्कार। स्वतंत्रता दिवस पर भारतीयों के लिए यह एक गर्व का दिन है, जब हम अपने देश की आज़ादी की प्राप्ति की स्मृति में एकजुट होते हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपनी विचारधारा, संस्कृति, और आत्मगौरव की रक्षा करते हुए ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना की थी।

इस अवसर पर हमें हमारे महान क्रांतिकारियों जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, और अन्य नेताओं की महानता को याद करने का मौका मिलता है। हमें इनके त्याग, संकल्प, और संघर्ष का सम्मान करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह दमदार भाषण || Independent Day speech in Hindi

आज के दिन हमें यह स्मरण करना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने कैसे असंख्य संकटों और मुश्किलों का सामना करते हुए आज़ादी की प्राप्ति के लिए संघर्ष किया था। हमें उनकी मेहनत और समर्पण को सराहना चाहिए और उनके योगदान को याद रखना चाहिए।

Why do we celebrated Republic Day every year – click here

स्वतंत्रता दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। हमें देश के विकास में अपनी भूमिका को सही से निभाने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

आज हमें यह सोचकर गर्व होना चाहिए कि हम एक स्वतंत्र, एकता और विविधता में एकता की महान राष्ट्र हैं। हमें देश के विकास में अपने योगदान को देने का संकल्प करना चाहिए और देश को महान ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए समर्पित रहना चाहिए। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर दें यह दमदार भाषण || Independent Day speech in Hindi

आओ, हम सभी मिलकर एक समर्थ, सशक्त, और समृद्ध भारत की दिशा में कदम बढ़ाएं और हमारे महान सपनों को हकीकत बनाने के लिए मिलकर काम करें। जय हिन्द! वन्दे मातरम्!

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Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है कैसे काम करती है ?

April 28, 2023 by Souvik Leave a Comment

Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ? ; क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल वाल्यू है, जिसे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए खरीदा, बेचा या ट्रेड किया जा सकता है। यह एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) के आधार पर काम करती है, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है। इस तकनीक का उपयोग करके, क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित बनाया जाता है और उसकी ट्रांजैक्शन की जानकारी समूहित रूप से रखी जाती है।

क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण के रूप में, बिटकॉइन (Bitcoin) सबसे लोकप्रिय है। बिटकॉइन एक डिजिटल वाल्यू है जो वैश्विक वित्तीय बाजार में उपलब्ध है। इसके अलावा, अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में इथेरियम (Ethereum), बीटीसी (Binance Coin), टेथर (Tether), रिप्पल (Ripple) और कार्डानो (Cardano) शामिल हैं।



क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास || History of Cryptocurrency

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास 2009 में बिटकॉइन के आविष्कार से शुरू हुआ। बिटकॉइन को अनोनिम वित्तीय लेनदेन के लिए बनाया गया था जो क्रिप्टोग्राफी तकनीक का उपयोग करता है।


क्रिप्टोक्यूरेंसी एक आभासी मुद्रा है जिसे ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से खरीदा, बेचा या व्यापार किया जा सकता है। यह एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र टेक्नोलॉजी (DLT) पर काम करता है जिसे ब्लॉकचेन के रूप में जाना जाता है, जो क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और इसके लेनदेन पर नज़र रखता है।

क्रिप्टोकरेंसी का सबसे लोकप्रिय उदाहरण बिटकॉइन है। यह एक डिजिटल मुद्रा है जो वैश्विक वित्तीय बाजार में उपलब्ध है। बिटकॉइन के अलावा, अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी में एथेरियम, बिनेंस कॉइन, टीथर, रिपल और कार्डानो शामिल हैं।


क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे काम करती है? ||  How does Cryptocurrency works ?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। एक ब्लॉकचेन अनिवार्य रूप से लेन-देन का एक डिजिटल खाता है जो कंप्यूटर के एक नेटवर्क में वितरित किया जाता है। श्रृंखला में प्रत्येक ब्लॉक में लेन-देन का एक सेट होता है, और एक बार ब्लॉक को श्रृंखला में जोड़ दिया जाता है, इसे बदला या हटाया नहीं जा सकता है। यह लेन-देन इतिहास की अखंडता और क्रिप्टोकुरेंसी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन को नोड्स के रूप में ज्ञात कंप्यूटरों के एक नेटवर्क द्वारा सत्यापित और संसाधित किया जाता है। ये नोड लेन-देन को सत्यापित करने और उन्हें ब्लॉकचेन में जोड़ने के लिए जटिल एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। एक बार लेन-देन सत्यापित हो जाने के बाद, इसे ब्लॉकचेन में जोड़ दिया जाता है और लेन-देन के इतिहास का एक स्थायी हिस्सा बन जाता है।



क्रिप्टोक्यूरेंसी के लाभ || Advantages of Cryptocurrency


क्रिप्टोकरेंसी के पारंपरिक रूपों पर मुद्रा के कई फायदे हैं। कुछ प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

1. सुरक्षा: क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन अत्यधिक सुरक्षित हैं और इन्हें नकली या उलटा नहीं किया जा सकता है।

2. गुमनामी: क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन गुमनाम हैं, जिसका अर्थ है कि लेनदेन के दौरान उपयोगकर्ता की पहचान प्रकट नहीं की जाती है।

3. विकेंद्रीकरण: क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं, जिसका अर्थ है कि वे किसी केंद्रीय प्राधिकरण या सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं हैं।

4. अभिगम्यता: क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी व्यक्ति द्वारा इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक्सेस किया जा सकता है, चाहे उनका स्थान या वित्तीय स्थिति कुछ भी हो।

5. कम लेन-देन शुल्क: क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन में आमतौर पर मुद्रा के पारंपरिक रूपों की तुलना में कम शुल्क होता है।Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?

Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?
Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?



क्रिप्टोक्यूरेंसी के नुकसान || Disadvantages of Cryptocurrency 

क्रिप्टोकरेंसी के जहां कई फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। कुछ प्रमुख कमियों में शामिल हैं:

1. अस्थिरता: क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर हैं और कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव का अनुभव कर सकती हैं।

2. नियमन का अभाव: क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण या सरकार द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है, जो उन्हें निवेशकों के लिए जोखिम भरा बना सकता है।

3. सीमित स्वीकृति: क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया जाता है, जो वास्तविक दुनिया में उनकी उपयोगिता को सीमित कर सकता है।

4. जटिल तकनीक: क्रिप्टोकरेंसी जटिल तकनीक पर आधारित है, जो औसत व्यक्ति के लिए इसे समझना और उपयोग करना मुश्किल बना सकती है।



क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी वैध है ? ||  Is CryptoCurrency legal in India ?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति वर्तमान में बहस और अनिश्चितता का विषय है। अप्रैल 2018 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें बैंकों सहित सभी विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यवसाय से निपटने या सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया गया।

इस परिपत्र को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विभिन्न क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों और व्यापारियों द्वारा चुनौती दी गई थी। मार्च 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने सर्कुलर को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह असंवैधानिक है और व्यापार और व्यवसाय के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, आरबीआई ने स्पष्ट किया कि बैंक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों और व्यापारियों को सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, और कई एक्सचेंजों ने अपने परिचालन को फिर से शुरू किया। हालाँकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानूनी ढांचा अभी भी स्पष्ट नहीं है, और सरकार ने अभी तक उद्योग के लिए कोई विशिष्ट दिशानिर्देश या नियम प्रदान नहीं किए हैं।

फरवरी 2021 में, भारत सरकार ने आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन पेश किया, जो भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का प्रयास करता है। विधेयक वर्तमान में भारतीय संसद द्वारा विचाराधीन है, और इसका अंतिम परिणाम अभी निर्धारित किया जाना बाकी है।

कुल मिलाकर, जबकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी स्पष्ट रूप से अवैध नहीं है, स्पष्ट नियमों और दिशानिर्देशों की कमी इसे एक जोखिम भरा और अनिश्चित निवेश बनाती है। व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के कानूनी और वित्तीय निहितार्थों पर सावधानी से विचार करें।

वर्तमान में अस्तित्व में हजारों विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हैं। जबकि बिटकॉइन सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी है, कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनकी अपनी अनूठी विशेषताएं और उपयोग के मामले हैं।

Some of the most popular cryptocurrencies, aside from Bitcoin, include:

Ethereum (ETH)
Binance Coin (BNB)
Tether (USDT)
Cardano (ADA)
XRP (XRP)
Dogecoin (DOGE)
Polkadot (DOT)
Uniswap (UNI)
Chainlink (LINK)
Litecoin (LTC)

प्रत्येक क्रिप्टोक्यूरेंसी की अपनी अंतर्निहित तकनीक, आपूर्ति, मांग और उपयोग के मामले सहित विशेषताओं का अपना सेट है। कुछ क्रिप्टोकरेंसी को तेज़ लेनदेन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि अन्य गोपनीयता या विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। निवेशकों के लिए प्रत्येक क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने से पहले उनकी अनूठी विशेषताओं पर शोध करना और उन्हें समझना महत्वपूर्ण है।

 

क्रिप्टोक्यूरेंसी का भविष्य ? ||  Future of Crypto Currency ?


क्रिप्टोक्यूरेंसी का भविष्य बहुत बहस और अटकलों का विषय है, लेकिन कई विशेषज्ञों और उत्साही लोगों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इसमें विकास और नवाचार की महत्वपूर्ण क्षमता है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्राथमिक लाभों में से एक इसका विकेंद्रीकरण है, जिसका अर्थ है कि यह पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों के बाहर संचालित होता है और किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता है। इसमें उन व्यक्तियों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता और समावेशिता प्रदान करने की क्षमता है, जिनकी पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं हो सकती है।Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?

इसके अतिरिक्त, अंतर्निहित ब्लॉकचेन तकनीक जो क्रिप्टोक्यूरेंसी को शक्ति प्रदान करती है, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, पहचान सत्यापन और मतदान प्रणाली सहित मुद्रा से परे कई संभावित उपयोग के मामले हैं।

हालाँकि, क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग के सामने महत्वपूर्ण चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि नियामक अनिश्चितता और सुरक्षा और अस्थिरता के बारे में चिंताएँ। क्रिप्टोक्यूरेंसी को व्यापक रूप से अपनाने और स्थिरता प्राप्त करने से पहले इन मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता हो सकती है।

इन चुनौतियों के बावजूद, बहुत से लोग क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर आशावादी बने हुए हैं। जैसे-जैसे अधिक व्यवसाय और व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना और उपयोग करना शुरू करते हैं, इसका मूल्य बढ़ना जारी रह सकता है, जिससे मुख्यधारा की वित्तीय प्रणालियों में अधिक स्वीकृति और एकीकरण हो सकता है।

Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?
Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है ?



यहाँ उन क्रिप्टोकरेंसी का संक्षिप्त विवरण दिया गया है जिन्हें मैंने पहले सूचीबद्ध किया था:

एथेरियम (ETH): एथेरियम एक ब्लॉकचेन-आधारित क्रिप्टोकरेंसी है जो डेवलपर्स को विकेंद्रीकृत एप्लिकेशन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट बनाने की अनुमति देता है। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से यह बिटकॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है।

Binance Coin (BNB): Binance Coin, Binance cryptocurrency exchange द्वारा शुरू की गई एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसका उपयोग एक्सचेंज पर ट्रेडिंग फीस के भुगतान के लिए किया जाता है और इसके अन्य उपयोग के मामले भी हैं, जैसे सामान और सेवाएं खरीदना।

टीथर (यूएसडीटी): टीथर एक स्थिर मुद्रा है, जिसका अर्थ है कि इसका मूल्य फिएट मुद्रा, आमतौर पर अमेरिकी डॉलर के बराबर है। टीथर का उपयोग क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को स्थिरता प्रदान करने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसका उपयोग बाजार की अस्थिरता के खिलाफ बचाव के रूप में किया जा सकता है।

कार्डानो (एडीए): कार्डानो एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य विकेंद्रीकृत अनुप्रयोगों के लिए अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करना है। यह अपने नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए एक अद्वितीय प्रूफ-ऑफ-स्टेक सर्वसम्मति एल्गोरिदम का उपयोग करता है।

XRP (XRP): XRP एक ब्लॉकचेन-आधारित भुगतान प्रणाली, Ripple द्वारा उपयोग की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी है। इसे तेजी से और सस्ते सीमा पार भुगतान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

डॉगकॉइन (DOGE): डॉगकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसे मूल रूप से एक मजाक के रूप में बनाया गया था, लेकिन इसने महत्वपूर्ण लोकप्रियता और स्वीकृति प्राप्त की है। इसका उपयोग टिपिंग और दान के लिए, अन्य उपयोग मामलों के बीच किया जाता है।

पोलकाडॉट (डीओटी): पोल्काडॉट एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य विभिन्न ब्लॉकचेन नेटवर्क के बीच अंतरसंचालनीयता प्रदान करना है। यह इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अद्वितीय रिले चेन आर्किटेक्चर का उपयोग करता है।

Uniswap (UNI): Uniswap एक विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज है जो उपयोगकर्ताओं को केंद्रीय प्राधिकरण के बिना क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने की अनुमति देता है। इसका मूल टोकन, UNI, शासन और तरलता प्रावधान के लिए उपयोग किया जाता है।

चेनलिंक (लिंक): चेनलिंक एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है जो विकेंद्रीकृत ऑरेकल सेवाएं प्रदान करता है, जो स्मार्ट अनुबंधों को ब्लॉकचेन के बाहर से डेटा तक पहुंचने की अनुमति देता है।

लाइटकोइन (एलटीसी): लाइटकोइन एक क्रिप्टोकुरेंसी है जिसे बिटकॉइन की तुलना में तेज़ और अधिक कुशल होने के लिए डिज़ाइन किया गया था। बिटकॉइन पर लागू होने से पहले इसे अक्सर नई तकनीकों और सुविधाओं के लिए एक परीक्षण नेटवर्क के रूप में उपयोग किया जाता है।

 

अंतत:, क्रिप्टोकरंसी का भविष्य कई तरह के कारकों पर निर्भर करेगा, जिसमें तकनीकी प्रगति, सरकारी नियम और सार्वजनिक धारणा शामिल हैं। हालांकि, निरंतर नवाचार और विकास के साथ, यह संभव है कि क्रिप्टोकरंसी आने वाले वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। Cryptocurrency in Hindi || क्रिप्टोकरेंसी क्या है कैसे काम करती है ?

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क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है? || Why Do We Need Whatsapp in Hindi ?

March 30, 2023 by Souvik Leave a Comment

क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है? व्हाट्सएप का उपयोग करने के फायदे

क्या आपके पास व्हाट्सएप है? अगर नहीं तो शायद आप एक अकेले दुनिया में रहते होंगे। व्हाट्सएप एक फ्री मैसेजिंग एप है जो दुनिया भर में उपलब्ध है। आज के दौर में, व्हाट्सएप का उपयोग लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ाने, नए संबंध बनाने, व्यवसाय करने और दूर स्थिति के लोगों से संपर्क में रहने के लिए किया जाता है। इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कि क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है और इसके उपयोग करने के क्या-क्या फायदे हैं। क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है? || Why Do We Need Whatsapp in Hindi ?

संक्षिप्त जानकारी

व्हाट्सएप एक मुफ्त मोबाइल ऐप है जो इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से आपके दोस्तों और परिवार से संपर्क बनाए रखने में मदद करता है। यह ऐप दुनिया भर में लाखों लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। व्हाट्सएप की जरूरत आजकल सभी लोगों के लिए बन गई है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के समय। इसलिए, इस लेख में हम व्हाट्सएप की आवश्यकता पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे।

व्हाट्सएप क्या है?

व्हाट्सएप एक मोबाइल ऐप है जो इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से आपके दोस्तों और परिवार से संपर्क बनाए रखने में मदद करता है। आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ मैसेज और मल्टीमीडिया फ़ाइलें साझा कर सकते हैं। इस एप्लिकेशन के माध्यम से, आप वीडियो कॉल कर सकते हैं, वॉइस कॉल कर सकते हैं और समूह चैट बना सकते हैं।

 

व्हाट्सएप की जरूरत क्यों है?

व्हाट्सएप एक ऐसा ऐप है जो हर उम्र के लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसके कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जो निम्नलिखित हैं:

1. मुफ्त और सरल

व्हाट्सएप एक मुफ्त मोबाइल ऐप है जिसे आप अपने स्मार्टफोन पर आसानी से इंस्टॉल कर सकते हैं। इसका उपयोग करना बहुत सरल है और इसमें एक दूसरे से संपर्क बनाना भी बहुत आसान होता है।

2. संचार के लिए बेहतर विकल्प

व्हाट्सएप के माध्यम से आप वॉइस कॉल और वीडियो कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा आप टेक्स्ट मैसेज और मल्टीमीडिया फ़ाइलें साझा कर सकते हैं। इसके लिए आपको इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है, लेकिन इससे आपको बहुत सस्ते मूल्य पर अन्य तरीकों से अधिक सुविधाएं मिलती हैं।

3. सुरक्षा और निजता

व्हाट्सएप एक सुरक्षित ऐप है जो आपकी निजता और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

4. मुफ्त मैसेजिंग ऐप

व्हाट्सएप एक मुफ्त मैसेजिंग ऐप है जिसका उपयोग करने के लिए कोई भी पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए, आप अपने दोस्तों और परिवार से असानी से संपर्क में रह सकते हैं।

5. विभिन्न सुविधाएं

व्हाट्सएप मैसेज के साथ-साथ आपको वॉइस कॉल, वीडियो कॉल, समूह चैट और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करता है। इससे आप अपने दोस्तों और परिवार से अधिक असानी से बातचीत कर सकते हैं।

6. अपनी जानकारी सुरक्षित

व्हाट्सएप एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग करता है जो आपकी बातचीत को सुरक्षित बनाता है। इससे आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहती है और कोई आपकी बातचीत का गलत उपयोग नहीं कर सकता है। क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है? || Why Do We Need Whatsapp in Hindi ?

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मोबाइल फ़ोन में व्हाट्सएप कैसे इंस्टॉल करें 

व्हाट्सएप इंस्टॉल करना बहुत आसान है। निम्नलिखित चरणों का पालन करें और इसे अपने मोबाइल फ़ोन में आसानी से इंस्टॉल करें।

1. गूगल प्ले स्टोर खोलें

मोबाइल फ़ोन में गूगल प्ले स्टोर खोलें।

2. सर्च बॉक्स में व्हाट्सएप टाइप करें

सर्च बॉक्स में “WhatsApp” टाइप करें और एंटर दबाएं।

3. इंस्टॉल बटन पर क्लिक करें

व्हाट्सएप एप्लिकेशन के लिए सही विकल्प चुनें और इंस्टॉल बटन पर क्लिक करें।

4. इंस्टॉलेशन पूरा करें

इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए स्क्रीन पर दिखाए गए सभी अनुदेशों का पालन करें।

5. फोन नंबर दर्ज करें

व्हाट्सएप के ओपन होने के बाद, आपको अपना फोन नंबर दर्ज करना होगा। इससे आप व्हाट्सएप का उपयोग करना शुरू कर सकते हैं।

इसी तरह से आप व्हाट्सएप को अपने मोबाइल फ़ोन में इंस्टॉल कर सकते हैं।

क्यों हमें व्हाट्सएप की जरूरत है? || Why Do We Need Whatsapp in Hindi ?

 

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Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा

January 4, 2022 by Souvik Leave a Comment

Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा

                         मदर टेरेसा एक महान व्यक्तित्व थी जिन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। वो पूरी दुनिया में अपने अच्छे कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं। वो हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी क्योंकि वो एक सच्ची माँ की तरह थीं। वो एक महान किंवदंती थी तथा हमारे समय की सहानुभूति और सेवा की प्रतीक के रुप में पहचानी जाती हैं। वो एक नीले बाडर्र वाली सफेद साड़ी पहनना पसंद करती थीं। वो हमेशा खुद को ईश्वर की समर्पित सेवक मानती थी जिसको धरती पर झोपड़-पट्टी समाज के गरीब, असहाय और पीड़ित लोगों की सेवा के लिये भेजा गया था। उनके चेहरे पर हमेशा एक उदार मुस्कुराहट रहती थी।

उनका जन्म मेसेडोनिया गणराज्य के सोप्जे में 26 अगस्त 1910 में हुआ था और अग्नेसे ओंकशे बोजाशियु के रुप में उनके अभिवावकों के द्वारा जन्म के समय उनका नाम रखा गया था। वो अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी। कम उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बुरी आर्थिक स्थिति के खिलाफ उनके पूरे परिवार ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने चर्च में चैरिटी के कार्यों में अपने माँ की मदद करनी शुरु कर दी थी। वो ईश्वर पर गहरी आस्था, विश्वास और भरोसा रखनो वाली महिला थी। मदर टेरेसा अपने शुरुआती जीवन से ही अपने जीवन में पायी और खोयी सभी चीजों के लिये ईश्वर का धन्यवाद करती थी। बहुत कम उम्र में उन्होंने नन बनने का फैसला कर लिया और जल्द ही आयरलैंड में लैरेटो ऑफ नन से जुड़ गयी। अपने बाद के जीवन में उन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के रुप में कई वर्षों तक सेवा की।

Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा
Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा/assamstudyhub.com

दार्जिलिंग के नवशिक्षित लौरेटो में एक आरंभक के रुप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की जहाँ मदर टेरेसा ने अंग्रेजी और बंगाली (भारतीय भाषा के रुप में) का चयन सीखने के लिये किया इस वजह से उन्हें बंगाली टेरेसा भी कहा जाता है। दुबारा वो कोलकाता लौटी जहाँ भूगोल की शिक्षिका के रुप में सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाया। एक बार, जब वो अपने रास्ते में थी, उन्होंने मोतीझील झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोगों की बुरी स्थिति पर ध्यान दिया। ट्रेन के द्वारा दार्जिलिंग के उनके रास्ते में ईश्वर से उन्हें एक संदेश मिला, कि जरुरतमंद लोगों की मदद करो। जल्द ही, उन्होंने आश्रम को छोड़ा और उस झोपड़-पट्टी के गरीब लोगों की मदद करनी शुरु कर दी। एक यूरोपियन महिला होने के बावजूद, वो एक हमेशा बेहद सस्ती साड़ी पहनती थी।

  • Assamese Essay – Birendra Kumar Bhattacharya 

अपने शिक्षिका जीवन के शुरुआती समय में, उन्होंने कुछ गरीब बच्चों को इकट्ठा किया और एक छड़ी से जमीन पर बंगाली अक्षर लिखने की शुरुआत की। जल्द ही उन्हें अपनी महान सेवा के लिये कुछ शिक्षकों द्वारा प्रोत्साहित किया जाने लगा और उन्हें एक ब्लैकबोर्ड और कुर्सी उपलब्ध करायी गयी। जल्द ही, स्कूल एक सच्चाई बन गई। बाद में, एक चिकित्सालय और एक शांतिपूर्ण घर की स्थापना की जहाँ गरीब अपना इलाज करा सकें और रह सकें। अपने महान कार्यों के लिये जल्द ही वो गरीबों के बीच में मसीहा के रुप में प्रसिद्ध हो गयीं। मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा के लिये उन्हें सितंबर 2016 में संत की उपाधि से नवाजा जाएगा जिसकी आधिकारिक पुष्टि वेटिकन से हो गई है।

 

*Mother Teresa Essay in 300 Words –

    || Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा ||

 

                                 मदर टेरेसा सदी की महान और विनम्र आत्मा थीं। वह बहुत कम उम्र में भारत आई थीं, जीवन की शुरुआत में ही उन्होंने मानवता की सेवा करने का संकल्प लिया था। 80 वर्ष की उम्र में भी, उन्होंने गरीबों और निराश्रितों की सेवा में अपना दिल और आत्मा समर्पित कर दी। उन्होंने कोलकाता शहर को अपनी गतिविधि के क्षेत्र के रूप में चुना। उनके नेक काम में गरीब और बेसहारा बच्चों की मदद करना शामिल था। उन्होंने विकलांग लोगों का भी विशेष ध्यान रखा, उनका जन्म 1910 में यूरोप में हुआ था। वह बचपन से ही अत्यंत सहानुभूतिपूर्ण, दयालु और मासूम थी। वह एक नन बन गई। उन्होंने कोलकाता की मलिन बस्तियों में काम करना शुरू किया। उसके काम में मदद करने के लिए, उसके साथ मिशनरियों का एक दल था। 

  • 101 Assam GK – click here

दुखों की इस महान दुनिया में, मदर टेरेसा द्वारा किया गया कार्य एक सुखद और उत्साहजनक अनुभव था। वह एक है अच्छाई की निरंतर लौ, शाम की चमक और कभी बुझने वाली नहीं। वह गरीबों और दलितों के लिए आशा की एक महान किरण है। कोलकाता के लोग महान संत की पूजा करते हैं। वह करुणा और शांति की दूत थीं। वह समाज सेवा की अग्रणी थीं। वह मानवता की सच्ची मित्र थीं। कोलकाता के बीचोंबीच अड़सठ साल का उनका लंबा, बिना बिके काम उल्लेखनीय था। यह वास्तव में एक महान व्यक्तिगत बलिदान था।

Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा
Mother Teresa Essay in Hindi || मदर टेरेसा/assamstudyhub.com

मदर टेरेसा ने 12 साल की उम्र में आनंद का जीवन छोड़ दिया था, तब से तब, उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा था। वह ताकत से ताकत की ओर जा रही थी। वह आश्रयहीन बच्चों के लाभ के लिए पैदा हुई थी। उनके काम की दुनिया भर में सराहना हुई है। वह शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उसे सब बड़ा दिया गया था दुनिया के पुरस्कार। पीड़ित मानवता का मार्गदर्शन करने के लिए वह सभी के दिलों में निवास करें।

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शारीरिक व्यायाम || Physical Exercise Hindi Essay

November 25, 2021 by Souvik Leave a Comment

 

शारीरिक व्यायाम || Physical Exercise Hindi Essay

 

 

 शारीरिक व्यायाम एक व्यक्ति की ध्वनि, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक ध्वनि है।
              तनाव, एक ओर आधुनिक जीवन का तनाव और आधुनिक गैजेट्स के उपयोग और 
खाली समय न होने के कारण शारीरिक व्यायाम की कमी, दूसरी ओर, मनुष्य को अस्वस्थ बनाती है। 
व्यायाम व्यक्ति को फिट रहने में मदद करता है और विभिन्न बीमारियों का आसान शिकार नहीं होता है।
सभी उम्र, सभी जातियों, सभी व्यवसायों और सभी राष्ट्रीयताओं के लोगों के लिए व्यायाम आवश्यक है।

शारीरिक व्यायाम || Physical Exercise Hindi Essay
शारीरिक व्यायाम || Physical Exercise Hindi Essay/assamstudyhub

     शारीरिक व्यायाम बहुत जोरदार या ज़ोरदार नहीं होना चाहिए। नियमित हो 
तो काफी है। उदाहरण के लिए, सुबह जल्दी चलना न केवल किसी के स्वास्थ्य के लिए बल्कि 
आत्मा के लिए भी अच्छा होता है। यह मांसपेशियों को टोन करके बहुत अच्छा करता है।
सुबह की ताजी हवा में सांस लेने से व्यक्ति दिन की गतिविधियों के लिए तैयार होता 
है और मानसिक रूप से सतर्क और सक्रिय हो जाता है। 
आधुनिक युग उन्नत तकनीक का युग है जिसमें कम शारीरिक ऊर्जा की 
आवश्यकता होती है लेकिन इसमें बहुत अधिक मानसिक तनाव शामिल होता है। इसके अलावा आधुनिक 
जीवन की जटिलताओं और चूहे-दौड़ जो शिक्षा बन गई है, लोगों की आसमानी महत्वाकांक्षा के कारण, 
छात्र तनावग्रस्त और हमेशा सतर्क रहते हैं, अपनी नसों, अपने शरीर और अपने अहंकार को तनाव
में रखते हैं।

Physical Exercise English Essay - click here


लोग हालांकि जागरूक हो गए हैं और खुद को शारीरिक रूप से फिट रखने की 
कोशिश करते हैं। अच्छा दिखना शारीरिक फिटनेस के साथ जाता है। इस प्रकार योग, ध्यान, 
एरोबिक व्यायाम, तैराकी, लैटिन अमेरिकी नृत्य, जॉगिंग और वॉकिंग को बहुत से लोग पसंद 
कर रहे हैं। टेलीविजन गेम-शो में स्वास्थ्य है। एक लंबा आलस्य और आलस्य करने के 
लिए लोगों को अपने भूले-बिसरे शारीरिक शब्द और युवाओं के शब्दकोश में मानसिक रूप 
से जागरूक बना दिया है। 
वृद्ध लोग भी व्यायाम द्वारा गठिया, गाउट, उच्च दबाव, अकड़न और तनाव से लड़ने की
कोशिश करते हैं। जैक वास्तव में बिना व्यायाम के एक सुस्त लड़का बन जाता है।
 
 

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My Favorite Hobby Essay in Hindi || मेरा पसंदीदा शौक

November 16, 2021 by Souvik Leave a Comment

                   My Favorite Hobby Essay in Hindi || मेरा पसंदीदा शौक

 

परिचय - हॉबी का अर्थ है पसंदीदा खोज। यह 
मनुष्य के दैनिक दिनचर्या-कार्य से कुछ भिन्न है। 
यह किसी के ख़ाली समय में एक पेशा है।

       लगभग हर आदमी का अपना एक शौक होता है। 
कोई डाक टिकट जमा करता है, कोई पुराने सिक्के, 
तो कोई बागवानी को अपना शौक बनाता है, 
जहां तक ​​मेरी बात है, मेरा भी अपना शौक है।

My Favorite Hobby Essay in Hindi || मेरा पसंदीदा शौक
My Favorite Hobby Essay in Hindi || मेरा पसंदीदा शौक

यह मेरा शौक क्या है - मेरा शौक बागवानी है। 
यह मुझे खुशी देता है। यह मुझे अवकाश का
 सर्वोत्तम उपयोग करने में 
सक्षम बनाता है। मेरा अपना एक बगीचा है।
 मैं कुदाल से मिट्टी को ढीला करता हूं। मैं घास 
को जड़ से उखाड़ता हूं और 
वहां विभिन्न फूल-पौधे लगाता हूं। मैं उन्हें 
दोपहर में पानी देता हूं। मेरा दिल खुशी से 
नाचता है जब मेरे बगीचे में 
फूल खिलते हैं; वे विभिन्न रंगों के हैं। 
उनकी मीठी महक से हवा भर जाती है। 
मेरे बगीचे के लिए हर कोई 
मेरी प्रशंसा करता है।



आप इसे क्यों चुनते हैं - मैंने एक से अधिक कारणों से 
बागवानी को अपने शौक के रूप में चुना है। 
यह आनंद का स्रोत है।
 यह एक अच्छी एक्सरसाइज भी है। 
जब मैं बगीचे में काम करता हूं तो ताजी 
हवा में सांस लेता हूं। 
यह मेरी भूख बढ़ाता है। तो, मेरा शौक 
मेरे शरीर और दिमाग के विकास में मदद करता है। 
यह मुझे पवित्र बनाता है।



निष्कर्ष - शौक एक उपयोगी खोज है। यह
 हमें अपने अवकाश को फलदायी रूप से 
बिताने का सर्वोत्तम अवसर
 प्रदान करता है। हम में से प्रत्येक को 
एक शौक होना चाहिए।



 

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PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या

November 12, 2021 by Souvik Leave a Comment

PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या

 

असम नदी की भूमि है। ब्रह्मपुत्र और बोरक और उनकी सहायक नदियाँ राज्य के लगभग सभी जिलों में 
बहती हैं। वर्ष के विशेष समय में असम सभी भारतीय समाचार पत्रों में समाचार बनाता है। 
बाढ़ का समय है। बाढ़ की वही पुरानी दुखद कहानी लगभग हर साल लगभग इसी तरह दोहराई जाती है।

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मई और जून में बारिश के मौसम के साथ ही असम में बारिश शुरू हो जाती है और दो से 
तीन महीने तक जारी रहती है। अधिक बारिश के कारण विशेष रूप से हिमालय के लैविन्टो के बाढ़ नरक 
में असम की नदियाँ सारा पानी नहीं ले जा सकती हैं। घाटी के लो पॉइल्समिर्लिंग क्षेत्र को जलमग्न कर
देता है। इस तरह असम में बाढ़ आती है।


असम का लगभग पूरा जिला हर साल भयानक बाढ़ की चपेट में आता है। 
बाढ़ से खेत में फसलों और गाँव में घरों और संपत्तियों को बहुत नुकसान होता है। 
नौसैनिक लोगों को बेघर कर दिया जाता है। कुछ ऐ सोई नदी के तट पर समान भागों का भारी
 कटाव आमतौर पर इस समय होता है। 1988 में आई बाढ़ से मूल निवासियों की मृत्यु और विनाश की 
स्मृति आज भी भयावह है; डिब्रूगढ़, माजुली में भारी कटाव हुआ।

PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या
PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या

 
सरकार नदियों के किनारे तटबंध बनाए हैं और कुछ क्षेत्रों को बाढ़ से बचाया है। लेकिन कभी-कभी यह 
तटबंध सामान्य बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक साबित होता है। इसलिए, समस्या का स्थायी समाधान 
निकालने के लिए कुछ किया जाना चाहिए। ब्रह्मपुत्र बाढ़ आयोग द्वारा उठाए गए कदम उत्तर पूर्व क्षेत्र 
परिषद मड असम में बाढ़ से हुई तबाही को रोकने में काफी मददगार साबित होते हैं।


हालांकि, बाढ़ भी खेती के लिए अच्छा है। वे मैदान पर बड़ी गाद छोड़ देते हैं जिससे भूमि उपजाऊ हो 
जाती है। बाढ़ के बाद बहुत सारी मछलियाँ भी उपलब्ध हैं।

Natural Resources of Assam || असम के प्राकृतिक संसाधन - click here

बाढ़ से हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति को बहुत नुकसान होता है। चूंकि यह बोन्सुर के साथ बाढ़ की 
रोकथाम के लिए कहर बरपाता है। केंद्र सरकार। ब्रह्मपुत्र बोर्ड का गठन कर चुका है। लेकिन अब तक यह
 बहुत कम कर पाया है। बाढ़ पीड़ितों के कष्टों को जारी करने के लिए एक मूल निधि की स्थापना की 
जानी चाहिए। सरकार। सभी के लिए असम में बाढ़ की समस्या का समाधान करना चाहिए।

PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या
PROBLEM OF FLOOD IN ASSAM || असम में बाढ़ की समस्या

 
 
 

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Natural Resources of Assam || असम के प्राकृतिक संसाधन

November 9, 2021 by Souvik Leave a Comment

असम के प्राकृतिक संसाधन

Natural Resources of Assam

 

 

                       नीली पहाड़ियों और लाल नदी की भूमि असम प्रकृति का प्रिय है। प्रकृति ने अपनी सारी संपत्ति असम को दी है। वह प्राकृतिक संसाधनों में बहुत समृद्ध है। उसके पास खनिज, पानी, जंगल और कृषि के भरपूर संसाधन हैं। असम के प्राकृतिक संसाधनों को चार प्रमुखों (ए) खनिज (बी) वन (सी) कृषि और (डी) जल संसाधन के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है।

असम के प्राकृतिक संसाधन || Natural Resources of Assam
असम के प्राकृतिक संसाधन || Natural Resources of Assam

खनिज संसाधन: असम खनिज संसाधनों में बहुत समृद्ध है। कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस असम के प्रमुख खनिज संसाधन हैं। डिगबोई, रुद्रसागर, नहरकटिया, मोरन, लकुआ आदि असम के प्रसिद्ध तेल-क्षेत्र हैं। डिगबोई, नूनमती और बोंगाईगांव में तीन रिफाइनरियां कच्चे तेल से मिट्टी के तेल, पेट्रोल, डिसेल, एल.पी. गैस आदि का उत्पादन करती हैं। असम का कच्चा तेल असम से बिहार के बरौनी रिफाइनरी में पंप किया जाता है। असम भारत में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। कोयला ऊपरी असम में लेडु और मार्गेरिटा कोयला क्षेत्रों में पाया जाता है। बोकाजन में चूना-पत्थर पाया जाता है। इसका उपयोग सीमेंट बनाने के लिए किया जाता है।

वन संसाधन: असम का एक बड़ा हिस्सा पहाड़ियों और जंगलों से आच्छादित है। इन पहाड़ियों और जंगलों में साल, गमरी, बोनसम, आगर जैसे मूल्यवान पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। ये वन हमें फल, ईंधन की आपूर्ति करते हैं; और चारा। औषधीय जड़ी बूटियां भी प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं। असम के जंगलों में पाई जाने वाली एक और कीमती चीज है ‘अगर’ तेल। कागज के उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल बांस असम में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कारीगरों द्वारा बांस और बेंत से बनी वस्तुएं हर जगह बिकती हैं। असम के जंगलों में बाघ, हाथी, हिरण, गैंडे जैसे जानवर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। असमिया गैंडे दुनिया के हर चिड़ियाघर में पाए जा सकते हैं। मानस और काजीरंगा के राष्ट्रीय उद्यान भारत और विदेशों से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

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कृषि संसाधन : कृषि असम के लोगों का मुख्य व्यवसाय है। असम के लगभग 80% लोग कृषि पर निर्भर हैं। असम जूट जैसी नकदी फसलों का उत्पादन करता है। असम की चाय प्रसिद्ध है। वह भारत में चाय की सबसे बड़ी उत्पादक हैं। यह भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।

जल संसाधन: शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जल-विद्युत उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। कपिली परियोजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण परियोजना है। ब्रह्मपुत्र का उपयोग माल ले जाने के लिए अंतर्देशीय जल परिवहन के रूप में किया जा सकता है। यह भूतल परिवहन का एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

 

 

असम के प्राकृतिक संसाधन || Natural Resources of Assam
असम के प्राकृतिक संसाधन || Natural Resources of Assam

 

       इस प्रकार असम बहुत सारे प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। फिर भी वह भारत के सबसे औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्यों में से एक है। इसका मुख्य कारण राज्य सरकार की उदासीनता और केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार है। यह एक अच्छा संकेत है कि स्थिति में सुधार हो रहा है। असम को अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने के लिए उद्योग स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए। यह उनकी बेरोजगारी की समस्याओं का समाधान करेगा और असम में समृद्धि के युग की शुरुआत करेगा।

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